इस अध्याय में जनन के बारे में आप अपने बच्चों को बताएंगे मनुष्य में कैसे जनन होता है विभिन्न जीवो में जनन कैसे होती है इनके बारे में विस्तार से समझाएंगे इसलिए जो महत्वपूर्ण पॉइंट है वह नीचे बताया गया है ध्यान से पढ़ें और शिक्षक डायरी तैयार कीजिए
जीवो में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परंतु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों ?
उत्तर- अपनी जनन क्षमता का उपयोग कर जीवो की समष्टि परितंत्र में स्थान अथवा निकेतन ग्रहण करते हैं। जन्म के दौरान डीएनए प्रतिकृति का विरोध जीव की शारीरिक संरचना एवं डिजाइन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जो उसे विशिष्ट निकेत के योग्य बनाती है। अतः किसी प्रजाति की समष्टि के स्थायित्व का संबंध जन्म से है।
परंतु, निकेत में अनेक परिवर्तन आ सकते हैं जो जीवो के नियंत्रण से बाहर हैं। पृथ्वी का ताप कम या अधिक हो सकता है, जल स्तर में परिवर्तन अथवा किसी उल्कापिंड का टकराना इसके कुछ उदाहरण है। यदि एक समष्टि अपने निकेत के अनुकूल रहे तथा निकेत में कुछ उग्र परिवर्तन आते हैं तो ऐसी अवस्था में समष्टि का समूल विनाश भी संभव है।
परंतु यदि समष्टि के जियो में कुछ विभिन्नता होगी तो उनके जीवित रहने की कुछ संभावना है। अतः यदि शीतोषण जल में पाए जाने वाले जीवाणुओं की कोई समष्टि है तथा वैश्विक उसमें करण के कारण जल का ताप बढ़ जाता है तो अधिकतर जीवाणु समष्टि व्यवस्था मर जाएंगे, परंतु उसने प्रतिरोधी क्षमता वाले कुछ परिवर्तित ही जीवित रहते हैं तथा वृद्धि करते हैं अतः विभिन्न हटाएं प्रजाति के लिए उत्तरजीविता बनाए रखने के लिए उपयोगी है।
एककोशिक जीवों में जनन कैसे होती है?
उत्तर- एक कोशिक जीवो में कोशिका विभाजन अथवा विखंडन द्वारा नए जीवो की उत्पत्ति होती है। विखंडन के अनेक तरीके परीक्षित किए गए हैं अनेक जीवाणु तथा प्रोटोजोआ की कोशिका विभाजन द्वारा सामान्यतः दो बराबर भागों में विभक्त हो जाती है। अमीबा जैसे जीवो में कोशिका विभाजन किसी भी तल से हो सकता है। एक कोशिक जीवो में शारीरिक संरचना अधिक संगठित होती है।
मुकुलन जनन कैसे होती है उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर -मुकुलन हाइड्रा जैसे कुछ प्राणी पुनर्जन्म की क्षमता वाली कोशिकाओं का उपयोग मुकुलन के लिए करते हैं।
हाइड्रा में कोशिकाओं के नियमित विभाजन के कारण एक ही स्थान पर उधार विकसित हो जाता है। यह उभार (मुकुल) वृद्धि करता हुआ नन्हे जिओ में बदल जाता है तथा पूर्ण विकसित होकर जनक से अलग होकर स्वतंत्र जी बन जाता है।
क्या शुक्राणु एवं मूत्र के लिए एक ही मार्ग होता है?
उत्तर- शुक्राणुओं का मोचन शुक्रवाहिकाओं द्वारा होता है। ये शुक्रवाहिकाएं मूत्राशय से आने वाली नली से जुड़कर एक संयुक्त नली बनाती है। अतः मूत्रमार्ग शुक्राणुओं एवं मूत्र दोनों के प्रवाह के उभय मार्ग है।
इस प्रकार से पूरे अध्याय के जो महत्वपूर्ण बिंदु हैं नीचे दिया गया है आप इन प्वाइंटों के आधार पर हाई स्कूल के लिए शिक्षक सकते हैं-
- इस विषय में बच्चे जनन क्रिया की क्रियाविधि जानने में सक्षम होंगे।
- डीएनए के बारे में जानेंगे, परिभाषित एवं विस्तार से समझ विकसित कर सकते हैं।
- विभिनता का महत्व जान पाएंगे डीएनए प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है विस्तार से समझ सकते हैं।
- एकल जीवन में प्रजनन की विधि को समझ सकते हैं।
- विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है जानने में सक्षम होंगे।
- परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है समझ विकसित करेंगे।
- सुखराज से एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है जानने में सक्षम होंगे।
- मां के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण को पोषण किस प्रकार प्राप्त होता है विद्यार्थी जानने में सक्षम होंगे।
- छात्र यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं यह भी जानेंगे।
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