कक्षा 8 वी विषय समाजिक विज्ञान अध्याय -04 शिक्षक डायरी |Class 8th Subject Social Science Chapter-04 teacher diary pdf in hindi😊

 अध्याय-04 कानूनों की समझ विषय समाजिक विज्ञान कक्षा 8 वी

शिक्षक डायरी कानूनों की समझ पाठ के लिए तैयार करें?

आप कुछ कानूनों से परिचित होंगे। शायद आपको शादी की उम्र सीमा या मताधिकार की उम्र सीमा का पता होगा। संभव है आप संपत्ति को खरीदने-बेचने के कानूनों को भी जानते हों। अभी तक आप यह जान चुके हैं कि कानून बनाने का जिम्मा संसद का होता है। क्या ये कानून सभी पर लागू होते हैं? नए कानून किस तरह अस्तित्व में आते हैं? क्या कोई कानून अलोकप्रिय या विवादास्पद भी होता है? नागरिक के नाते हमें ऐसी परिस्थितियों में क्या करना चाहिए? शिक्षक डायरी कैसे लिखे ? इस अध्याय के लिए आईये जाने -

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कक्षा 8 वी विषय समाजिक विज्ञान अध्याय -04 शिक्षक डायरी-

अध्यापन बिंदु / बच्चे क्या सीखेंगे

  1. इस अध्याय में छात्र कानून के बारे में जानेंगे 
  2. हमारा कानून धर्म जाति लिंग के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं करता पता सभी छात्र समझने में सक्षम होंगे कि हमारे जो कानून है वह समान रूप से सभी पर लागू होती है 
  3. 1870 का राजद्रोह एक्ट के बारे में जानने में सक्षम होंगे 
  4. घरेलू हिंसा कानून के बारे में छात्र जानकारी प्राप्त करेंगे 
  5. नए कानून कैसे बनते हैं कैसे पास होता है इस संबंध में जानकारी हासिल करेंगे 
  6. अलोकप्रिय या विवादास्पद कानून क्या होते हैं इन्हें परिभाषित कर पाएंगे 
  7. आलोचना किसे कहते हैं जानने में सक्षम होंगे 
  8. दमनकारी कानून क्या है जान पाएंगे

आइए कुछ मुख्य बिंदु को देखते हैं जो आपके अध्यापन कार्य को सरल एवं आसानी बना सकते हैं तो इन परिभाषा को आप याद रखें और अपने कक्षा गतिविधि में परिभाषित कर के सभी बच्चों को समझाएं- 

आलोचना-किसी व्यक्ति या चीज़ में कमियाँ निकालना या उसे अस्वीकार कर देना। इस अध्याय में आलोचना शब्द का इस्तेमाल सरकार

के कामकाज पर नागरिकों की ओर से होने वाली आलोचना के लिए किया गया है। 

विकासक्रम- सरल से जटिल रूप तक विकास की प्रक्रिया को विकासक्रम कहा जाता है। आमतौर पर इस शब्द का इस्तेमाल पौधों या

पशुओं की किसी प्रजाति के विकास का वर्णन करने के लिए किया जाता है। इस अध्याय में विकासक्रम का मतलब इस बात

से है कि महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा प्रदान करने का विचार किस तरह एक अखिल भारतीय कानून के रूप में

विकसित हुआ। 

राजद्रोह- जब सरकार को ऐसा लगता है कि उसके खिलाफ़ प्रतिरोध पैदा हो रहा है या विद्रोह किया

जा रहा है तो उसे राजद्रोह कहा जाता है। ऐसी स्थिति में सरकार को किसी की गिरफ़्तारी के लिए ठोस सुबूत की ज़रूरत

नहीं होती। 1870 के राजद्रोह एक्ट के अंतर्गत अंग्रेज़ सरकार राजद्रोह की बहुत व्यापक परिभाषा का इस्तेमाल करती थी।

लिहाजा वे इस कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करके जेल में डाल सकते थे। राष्ट्रवादी नेता इस कानून को मनमाना मानते थे क्योंकि बहुत सारे लोगों को गिरफ़्तारी से पहले वज़ह भी नहीं बताई जाती थी। उन्हें बिना

मुकदमा चलाए ही जेल में डाल दिया जाता था। 

दमनकारी-स्वतंत्र और स्वाभाविक विकास या अभिव्यक्ति को रोकने के लिए सख्ती से नियंत्रण स्थापित करना। इस अध्याय में उन कानूनों को दमनकारी कहा गया है जो लोगों को बहुत निर्मम ढंग से नियंत्रित करते हैं और उन्हें सभा करने व अपनी बात कहने सहित मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करने से भी रोक देते हैं।

घरेलू हिंसा कानून-जब परिवार का कोई पुरुष सदस्य (आमतौर पर पति) घर की किसी औरत (आमतौर पर पत्नी) के साथ मारपीट करता है, उसे चोट पहुंचाता है, या मारपीट अथवा चोट की धमकी देता है तो सामान्यतः इसे घरेलू हिंसा कहा जाता है। औरत को यह नुकसान शारीरिक मारपीट या भावनात्मक शोषण के कारण पहुँच सकता है। यह शोषण मौखिक, यौन या फिर आर्थिक शोषण भी हो सकता है। घरेलू हिंसा कानून, 2005 में महिलाओं की सुरक्षा की परिभाषा ने 'घरेलू' शब्द की समझ को और अधिक व्यापक बना दिया है। अब ऐसी महिलाएँ भी घरेलू दायरे का हिस्सा मानी जाएँगी जो हिंसा करने वाले पुरुष के साथ एक ही मकान में रहती हैं' या 'रह चुकी हैं।



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Bisau Ram Netam is a Government Teacher. He holds a Master's degree in Mathematics. For three years, Bisau has been teaching people personal finance online.

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